Top latest Five पारद शिवलिंग कहा मिलता है Urban news
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साक्षात् शिव: पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है। इसकी पूजा करने से भगवान शिव की कृपा सीधे प्राप्त होती है।
वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर में स्थापित करने से पहले उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा
नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।
शिवलिंग की यह व्याख्या शैव सम्प्रदाय की प्रमुख परम्परा - शैव सिद्धांत के अनुसार है। शिवलिंग का ऊपरला हिस्सा परशिव और निचला हिस्सा यानी पीठम् पराशक्ति को दर्शाता है। पराशक्ति एवं परशिव भगवान शिव की दो परिपूर्णताएँ हैं।
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त्यामुळे त्यात शिवाचा वास असल्याने जे जे संसार रुपी मानव आहेत त्यांनी पाऱ्याच्या शिवलिंगाची उपासना करावी असे त्यात म्हटले आहे.
पूजा के दौरान कुबेर देव को धूप-दीप दिखाते हुए “ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:” मंत्र का जाप करें।
येलदरी धरणामुळे परभणी, जिंतूर, वसमत या शहरांसह हिंगोली जिल्ह्याचा पाणीप्रश्नही…
रोज साध्या पाण्याने किंवा सुविधा असेल तर गंगाजल च्या पाण्याने अभिषेक करावा.
Siddh Parad Shivling/Energized Shivling (पारद शिवलिंग) : Siddh Parad Shivling when worshipped with proper treatment, belief, and enthusiasm assists human beings bodily, spiritually, and psychologically. Also protects people from purely natural calamities, disaster, exterior evil consequences. Many of the reference in The traditional texts of Ayurveda and mythological origins which justifies this belief is as follows. It is said and considered in a variety of texts that if a Siddh Parad Shivling is positioned and worshipped inside of a home, Culture, or maybe a temple.
सुख वैभव की प्राप्ति और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए पारद श्री यंत्र को घर में स्थापित करना बेहद शुभ होता है। इस यंत्र की घर में स्थापना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पारद श्री यंत्र का दैवीय प्रतीक लक्ष्मी माता और कुबेर देव को माना गया है। पारिवारिक सुख और आर्थिक मजबूती के लिए लक्ष्मी माता का ये यंत्र स्थापित किया जाता है। इसे सभी यंत्रों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस यंत्र को प्रभावकारी बनाए रखने के लिए प्रतिदिन इसकी पूजा अर्चना के साथ मंत्र उच्चारण करना बेहद आवश्यक है। विशेषरूप से होली, दिवाली, नवरात्री और शिवरात्रि के दौरान सही मंत्रोच्चार कर इस यंत्र को पारद शिवलिंग मंत्र अधिक प्रभावकारी बनाया जाता है। पारद श्री यंत्र सोना, चांदी और तांबे का हो सकता है।
इसके पश्चात जिस स्थान पर भी इसे स्थापित करें उस जगह की पहले साफ़ सफाई जरूर कर लें।
स्थापना से पूर्व जगह को सही से साफ़-सफाई कर उसपर गंगाजल का छिड़काव करते हुए पवित्र करें।